आज यानी 7 सितंबर को साल 2025 का आखिरी चंद्र लगने जा रहा है, जो भारत के साथ ही पूरी दुनिया में दिखाई देगा. यह ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. ग्रहण की शुरुआत रात 9 बजकर 58 मिनट पर और समापन देर रात 1 बजकर 26 मिनट पर होगा. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक किसी भी तरह के ग्रहण से पहले सूतक काल का बहुत महत्व होता है. इस दौरान खाने में तुलसी के पत्तों को डालकर रखा जाता है और ग्रहण के बाद ही हटाया जाता है. ग्रहण काल में सबसे खास घर पर मौजूद खाने की चीजों और दूध में तुलसी का पत्ता डालकर रखा जाता है.
यह तो सभी जानते हैं कि तुलसी के पत्ते की धार्मिक मान्यता बहुत है. इस समय खाने की चीजों में इसके पत्ते को डालने से ग्रहण की छाया वहअशुद्धनहीं होता है और खाने योग्य बना रहता है. वहीं तुलसी में एंटीवायरस, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल जैसे औषधी गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
आयुर्वेद एक्सपर्ट किरण गुप्ता का कहना है कि तुलसी के पत्ते इम्यूनिटी को बूस्ट करने में काफी मददगार होते हैं, जिससे बदलते मौसम में खांसी-जुखाम होने से बचाव करने में मदद मिलती है. साथ ही यह स्किन के लिए भी अच्छा होता है क्योंकि इसकी पत्तियों में एक ऐसा एलिमेंट निकलता है जिससे अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव शरीर में नेगेटिव नहीं होता है और स्किन हेल्दी रहती है.
तुलसी के पत्तों का पानी
एक्सपर्ट ने बताया कि अगर कुछ तुलसी के पत्तों को अच्छे से पानी से धोकर. इसके बाद एक पानी से गिलास में इसे भिगोकर रख दें, तो उस दौरान यह एंटीसेप्टिक पानी बन जाता है. जिसे इम्यूनिटी सिस्टम को लिए अच्छा माना जाता है. इससे रेड और वाइट ब्लड सेल्स भी बैलेंस रहते हैं.
खास बात का रखें ध्यान
तुलसी के पत्तों की तासीर गर्म होती है, ऐसे में अगर कुछ पत्तों को चबाकर खाया जाए, तो दांतों के लिए नुकसानदायक हो सकता है. इससे दांतों के इनेमल खराब हो सकते हैं. इसके अलावा शरीर में पित्त दोष बढ़ सकता है या ज्यादा गर्मी हो सकती है. इसलिए इसे गर्मी में इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए.
गर्म तासीर वाली चीजें सूट न करना, गर्भवती और ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाएं, साथ ही ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, एसिडिटी या सेहत से जुड़ी किसी तरह की समस्या में इसका सेवन करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए.