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Grandparents Day 2025: जनरेशन गैप नहीं, कनेक्शन… ग्रैंड पेरेंट्स के साथ बच्चों का रिश्ता ऐसे बनाएं मजबूत

भारत में ज्वाइंट फैमिली में रहने का परंपरा बहुत पुरानी है. घर में दादा-दादी, माता-पिता, चाचा-चाची, भाई-बहन और सभी सदस्य मिलकर रहते हैं. लेकिन आज के आधुनिक समय में ज्यादातर लोग अपने घर से दूर किसी दूसरे शहरों में रहते हैं. यहां वह अकेले या फिर पति-पत्नी और बच्चे होते हैं. ऐसे में नई जनरेशन की कनेक्टिविटी अपने परिवार और ग्रैंड पेरेंट्स के साथ कम हो जाती है. ऐसे में बच्चे साल में एक या दो बार जैसे की फेस्टिवल, फंक्शन या फिर छुट्टियों में अपने ग्रैंड पेरेंट्स से मिल पाते हैं. वहीं जो बच्चे अपने दादा-दादी के साथ रहते उनमें जनरेशन गैप की वजह से बहुत दूरियां आने लग गई हैं.

जनरेशन गैप का मतलब है सोच, रहन-सहन, मूल्य और आदतों में अंतर आना. दादा-दादी और नाना-नानी जहां परंपराओं, अनुशासन और अनुभव के आधार पर अपना जीवन जीते हैं, वहीं आज के समय के बच्चे तेज और डिजिटल दुनिया में पले-बढ़े हैं. इसी कारण दोनों की सोच और देखने के नजरिए में फर्क आना स्वाभाविक है. ऐसे में इस दूरी को कम करने और ग्रैंड पेरेंट्स के साथ बच्चे के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए आप इन टिप्स को अपना सकते हैं.

ग्रैंड पेरेंट्स डे

हर साल सितंबर के दूसरे रविवार के दिन ग्रैंड पेरेंट्स डे सेलिब्रेट किया जाता है. इस साल यह 7 सितंबर को मनाया जा रहा है. यह दिन बच्चे के जीवन में ग्रैंड पेरेंट्स के योगदान के बारे में बताया है. दादा-दादी और नाना- नानी बच्चे के जीवन में को प्यार, ज्ञान और समर्थन देते हैं. आइए जानते हैं इस दिन पर कि बच्चों के साथ ग्रैंड पेरेंट्स के रिश्ते को मजबूत कैसे बनाया जा सकता है.

कम्यूनिकेशन

बच्चे भले ही ग्रैंड पेरेंट्स के साथ रहते हों या फिर उनसे दूर. दोनों ही स्थिति में आजकल कम्युनिकेशन गैप बहुत बड़ गया है. इसके कारण भी दोनों के बीच दूरियां आने लगती हैं. इसलिए जरूरी है कि दोनों के बीच बातचीत जरूर होनी चाहिए. रोजाना कुछ समय बच्चे अपने ग्रैंड पेरेंट्स के साथ बात करें और समय बिताएं. बच्चे अगर दादा-दादी से उनके बचपन की कहानियां सुनें, इससे उन्हें न सिर्फ परिवार के बारे में पता चलेगा, बल्कि रिश्तों में गहराई भी आएगी.

ग्रैंड पेरेंट्स के स्पेशल ( Credit : Getty Images )

टेक्नोलॉजी का सहारा लें

आज के टेक्नोलॉजी के समय में बुजुर्गों के लिए मोबाइल या इंटरनेट का उपयोग करना थोड़ा मुश्किल है. बच्चे उन्हें व्हाट्सएप, वीडियो कॉल या यूट्यूब चलाना सिखा सकते हैं. इससे एक तरफ बच्चों को जिम्मेदारी का अनुभव होगा और दूसरी तरफ ग्रैंड पेरेंट्स को भी नए जमाने से जुड़ने का मौका मिल सकता है.

एक्टिविटी

हर किसी को रसोई और घर का काम करना जरूर आना चाहिए. जिसकी शुरुआत बचपन से ही की जाती है. ऐसे में बच्चे ग्रैंड पेरेंट्स के साथ मिलकर कुछ व्यंजन बनाना सीख सकते हैं. इससे न सिर्फ एक मजेदार एक्टिविटी होगी बल्कि बच्चे और ग्रैंड पेरेंट्स को एक साथ समय बिताने का मौका मिलेगा. इसके अलावा एक्टिविटी कर सकते हैं. बच्चों को प्रेरित करें कि वह ग्रैंड पेरेंट्स का इंटरव्यू लें, फैमिली ट्री बनाएं या पुराने फोटो ऐल्बम के साथ उनकी यादों को एक क्रिएटिव प्रोजेक्ट में बदलें.

स्पेशल गिफ्ट

ग्रैंड पेरेंट्स डे को खास बनाने का प्रयास करें. इसके अलावा दादा-दादी और नाना-नानी के बर्थडे और एनिवर्सरी के लिए खास बनाएं. केक कटिंग करें या फैमिली ट्रिप प्लान करें. डिनर पर जाएं. इसके अलावा बच्चों को ग्रैंड पेरेंट्स को गिफ्ट देने के लिए प्रोत्साहित करें. वह की पॉकेट मनी से भी हो सकता है.