ग्रहण एक खगोलीय घटना होती है, लेकिन इसका धार्मिक महत्व भी माना जाता है. इस दौरान तुलसी की पत्तियां खासतौर पर खाने की चीजों में रखी जाती हैं और मानते हैं कि इससे खाना खराब नहीं होता है. तुलसी का औषधीय महत्व भी है. इसे घरेलू नुस्खों से लेकर कई तरह की दवाओं को बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है. ये पौधा सभी को अपने घर में लगाना चाहिए, लेकिन इसे लगाने में की गई कुछ गलतियों की वजह से तुलसी प्लांट सही से ग्रो नहीं हो पाता है या फिर सूखने लगता है. थोड़ी सी देखभाल के साथ इस पौधे को लगाया जाए तो ये हरा-भरा रहता है और समय पड़ने पर आप इसकी पत्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं. तो चलिए जान लेते हैं तुलसी की देखभाल और इसे लगाने में क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए.
तुलसी का धार्मिक महत्व होने के साथ ही ये औषधीय गुणों का भी खजाना होती है. दादी-नानी बहुत पहले से तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल जुकाम-खांसी, बुखार जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा एक्सपर्ट भी कहते हैं कि तुलसी को सुबह खाली पेट खाने से, इसका पानी पीने से सेहत को कई फायदे होते हैं. फिलहाल जान लेते हैं तुलसी उगाने में क्या गलतियां न करें और क्या बरतें सावधानी.
तुलसी लगाने में कई गई गलतियां
सही मौसम में रोपाई न करना
बागवानी में मौसम का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. हर पौधा लगाने का एक समय होता है ताकि ग्रो होने के लिए सही टेम्परेचर मिल सके. तुलसी का पौधा भी अगर समय मौसम में न लगाया जाए तो ये सही से नहीं बढ़ता है. इस पौधे की रोपाई के लिए जुलाई से सितंबर यानी मानसून का समय सबसे सही माना जाता है.
खाद का ध्यान न रखना
तुलसी का पौधा सही से ग्रो हो इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि आप इसे लगाते वक्त मिट्टी में खाद जरूर मिलाएं. कई बार या तो लोग खाद मिलाते ही नहीं है या फिर केमिकल वाली खाद का यूज करते हैं, लेकिन सही तरीका है कि आप जैविक खाद का यूज करें जैसे गोबर की बनी खाद, वर्मी कम्पोस्ट या फिर रसोई में बचने वाले छिलके आदि से बनी खाद.
मिट्टी का ध्यान न देना
किसी भी पौधे की बढ़वार सही से हो इसके लिए जरूरी है कि आप उसके मुताबिक मिट्टी का चयन करें. तुलसी का पौधा लगाते वक्त भी मिट्टी का ध्यान रखना जरूरी होता है, लेकिन लोग इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और इसलिए ही नर्सरी से लाकर घर पर लगाने के बाद पौधा सूख जाता है. तुलसी लगाने के लिए भुरभुरी हल्की मिट्टी सही रहती है. इससे जड़ों को सांस लेने लायक हवा मिलती रहती है और पानी जमा नहीं होता है. इसके लिए दोमट में चिकनी मिट्टी के साथ जैविक खाद मिलानी चाहिए.
ये रखें देखभाल में सावधानियां
- तुलसी का पौधा रोपने के बाद इसे ऐसी जगह रखें जहां पर कम से कम 3-4 घंटे की धूप रोजाना मिले और बाकी समय छांव रहे.
- तुलसी में न तो बहुत ज्यादा पानी डालें और न ही बहुत कम. मिट्टी में नमी हो तो कम पानी यूज करें. ऐसे में एक दिन आप पानी डालना स्किप भी कर सकते हैं.
- कीटों से पौधों का बचाव होता रहे, इसके लिए जरूरी है कि नीम खली का पाउडर या फिर लकड़ी की राख को हल्का पौधे पर छिड़कते रहें.
- तुलसी का पौधा हरा-भरा रहे और तेजी से बढ़ता रहे, इसके लिए हर तीन महीने में मिट्टी को किसी चीज से थोड़ा-थोड़ा उलटते-पलटते रहें और उसमें खाद मिला दें. इससे पोषक तत्व बने रहेंगे और पौधा हेल्दी रहेगा.