आज की तेज रफ्तार से भागती जिंदगी और बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों के बीच प्राकृतिक वातावरण से दूर होते जा रहे हैं. प्रदूषण बढ़ रहा है और हरियाली घट रही है. ऐसे में अपने घरों में छोटे-छोटे गमलों में पौधे लगाकर वातावरण को बेहतर बना सकते हैं. इसके साथ ही यह हमारी सेहत खासकर मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है. इससे घर का वातावरण शुद्ध और ताजा बना रहता है. मनी प्लांट, करी पत्ता, स्नेक प्लांट और एलोवेरा जैसे कुछ पौधों ज्यादातर लोग अपने घरों में लगाते हैं. कुछ पौधे खाने का स्वाद बढ़ाने, तो कई स्किन और बालों की सुंदरता बढ़ाने के लिए उपयोग किए जाते हैं. लेकिन इसके अलावा लोग घर पर मिर्च और कई तरीके की सब्जियों के पौधे लगा सकते हैं.
इन पौधों में नींबू भी शामिल है. इसके साथ ही नींबू का पौधा घर पर लगाया जा सकता है. ऐसे में घर आप बाजार की जगह अपने घर पर मौजूद पौधे में से नींबू ले सकते हैं. अगर इसे सही देखभाल के साथ लगाया जाए, तो यह न केवल सुंदर दिखता है बल्कि आपको घर पर ही ताजे नींबू भी मिल सकते हैं. आप अपने किचन के लिए खुद के उगाए हुए ऑर्गेनिक नींबू इस्तेमाल कर सकते हैं. इस पौधे की पत्तियों और फूलों में हल्की महक होती है, जो बहुत अच्छी लगती है. आइए यहां जानते हैं कि नींबू का पौधा घर पर कैसे लग सकते हैं.
किस तरह का पौधा चुनें
अगर आप नर्सरी से पौधा लाने जा रहे हैं, तो उनसे यह बात जरूर पूछें कि क्या ये पौधा ग्राफ्टेड है या एयर लेयरिंग वाला पौधा है.ध्यान रखें वो पौधा न खरीदें जो बीज से उगा हो. ऐसे में आप या तो ग्राफ्टेड वाला पौधा लेकर आएं या फिर एयर लेयरिंग से बना पौधा लेकर आ सकते हैं. क्योंकि बीज वाला पौधा उग जाता है और बड़ा भी हो जाता है लेकिन उसपर फ्रूट्रिंग नहीं होती है. इसके साथ ही नींबू की वैरायटी का भी ध्यान रखें.
कैसा हो मिट्टी और गमला?
नींबू का पौधा लगाने से पहले ध्यान दें की सही गमले और ग्रो बैग का चयन करें. अगर गमले की बात करें तो इस पौधे के लिए ऊपर से 18 डायामीटर और नीचे से थोड़ा कम हो सकता है. इसके अलावा प्लास्टिक के ड्रम में भी नींबू का पौधा लगा सकते हैं. नींबू का गमला लगाने के लिए 50 प्रतिशत मिट्टी, 30 प्रतिशत वर्मी कम्पोस्ट ले सकते हैं इसमें गाय का गोबर भी मिक्स कर सकते हैं. इसके साथ ही 20 प्रतिशत बालू यानी कि रिवर सेंड का उपयोग कर सकते हैं.
किस जगह पर रखें?
गमले की ग्रोथ के लिए उसे सही जगह पर रखना बहुत जरूरी होता है. अगर नींबू के पौधे की बात करें तो इससे सन्लाइट जरूर चाहिए होती है. इसलिए जहां 6 से 7 घंटे सन्लाइट आइए इसे उसी जगह पर रखना है.ध्यान रखें की अगर आप नर्सरी से पौधा लेकर आ रहे हैं, तो उसपर एक या दो नींबू हमेशा लगे होंगे. तो उस फ्रूट को तोड़ देना चाहिए. क्योंकि पौधा अपनी इनिशियल स्टेज में होता है. उसे ग्रोथ करने के लिए पूरी एनर्जी की जरूरी होती है. अगर उसकी एनर्जी फ्रूटिंग पर ही लगती जाएगी, तो वह पौधा सही से ग्रोथ नहीं करेगा या फिर पौधा कुछ दिनों से सड़ जाएगा.
जब आप नर्सरी से पौधा लेकर आएं, तो उसकी 15 से 20 दिन बाद गुड़ाई करें. क्योंकि पौधे अभी इनिशियल स्टेज पर है पहले फर्टिलाइजर का भी इस पर असर है. इसके लिए आपको वर्मी कम्पोस्ट या किचन कंपोस्ट का यूज करना है. पौधे की हल्की से गुड़ाई कर लेनी है और उसके ऊपर वर्मी कम्पोस्ट डाल देना है.
नींबू के पौधे में पानी कितना डालना है?
नींबू के पौधे में सर्दियों में पानी कम डालें. जब पौधे पर फ्लावरिंग स्टेज आ जाएगी तब आपने खास ध्यान रखना है कि पानी नियमित ढंग से डालना है जैसे जब गमले की मिट्टी सूख जाएगी आपने तब पानी डालना है ऐसे लगातार पानी नहीं देना है. इससे फ्लावर झड़ने की प्रॉब्लम्स आ सकती है या फिर इस पौधे को रूट्स में फंगस लग सकती है. इसके अलावा फ्लावरिंग स्टेज में फर्टिलाइजर डालने के लिए भीगे हुए उपलों के पानी का उपयोग कर सकते हैं. सरसों खली का भी उपयोग कर सकते हैं. यह बस एक बार उपयोग करना है जब नींबू के फ्लावर्स फलों में कन्वर्ट होना शुरू हो जाएं. तभी आपने इन दोनों में से एक का उपयोग करना है. इसका उपयोग बस दो बार कर सकते हैं. इसके अलावा गुड़ाई हर 15 से 20 दिन बाद करनी है.
फंगस से कैसे बचाएं?
नींबू के पौधे क जड़ों में ज्यादा पानी चला जाए तो इससे फंगस लग सकती है. इसके अलावा आप नीम के पत्तों को इसमें मिक्स कर सकते हैं या मार्केट से ऑर्गेनिक फंगीसाइड लेकर उसका इस्तेमाल मिट्टी में कर सकते हैं. इसके अलावा नीम के पत्तों का उबालकर उसका स्प्रे कर सकते हैं. नीम के पत्तों के पानी में एलोवेरा और हेल्दी मिक्स करे आप इसके ऊपर स्प्रे कर सकते हैं.
सही मौसम
नींबू का पौधा लगाने का सबसे सही समय मौसम और जगह पर निर्भर करता है. फरवरी से अप्रैल का महीना नींबू के पौधा लगाने के लिए सही रहता है. मौसम न ज्यादा ठंडा होता है और न ज्यादा गर्म, जिससे पौधे की जड़ें मिट्टी में अच्छी तरह लगाया जा सकता है.
नींबू के पौधे की लोकप्रिय किस्म
कागजी नींबू – यह भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. फल गोल और पतली छिलके वाले होते हैं. रस की मात्रा थोड़ा ज्यादा होती है. जल्दी फलने लगता है.
बरहमपुर नींबू – इसका नाम “बरहमासी” इसलिए है क्योंकि यह साल भर फल देता है. व्यावसायिक खेती के लिए बहुत अच्छी किस्म मानी जाती है.
मौसम के मुताबिक केयर
गर्मी का मौसम – नींबू के पौधे को सन्लाइट की जरूरत होती है लेकिन बहुत तेज धूप में पौधे को छाया या नेट का उपयोग करें. खासकर दोपहर के समय जब धूप तेज होती है. रोजाना या एक दिन छोड़कर पानी दें. लेकिन गमले को ज्यादा पानी से न भरें. पत्तियों पर पानी का छिड़काव करें ताकि गर्मी से राहत मिले.
मानसून – इस मौसम में ध्यान रखें कि गमले का छेद साफ हो ताकि पानी जमा न होने दें. इस मौसम में मिली बग्स, एफिड्स आदि आ सकते हैं ऐसे में नीम का उपयोग करें. बहुत ज्यादा पानी पौधे की जड़ों को सड़ा सकता है. मिट्टी हल्की और जल निकासी वाली रखें.
सर्दी – सर्दी के मौसम में अक्टूबर से नवंबर के बीच पानी देना कम करें, खासकर अगर मौसम ठंडा हो. छोटे फल आने लगते हैं तो उन्हें गिरने से बचाने के लिए पौधे को हिलने न दें. पौधे को स्थिर और सीधा रखें, तेज़ हवा से बचाएं. दिसंबर से जनवरी के बीच पौधे को हल्दी धूप में रखें.
फरवरी से अप्रैल के बीच में सूखी, पीली और कमजोर टहनियों को काटें ताकि नया विकास हो सके. गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट या नीम खली मिलाएं. यह समय पत्तियों और फूलों के विकास के लिए जरूरी होता है. रोजाना 5 से 6 घंटे की सीधी धूप दें. मिट्टी में थोड़ी नमी रहने पर पानी दें. बहुत ज्यादा ठंड है तो पौधा घर में अंदर की तरफ या बालकनी में रखें.